श्रीनगर. घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन की कमान संभाल रहे रियाज नायकू को सुरक्षा बलों ने बुधवार को मार गिराया, नायकू पर 12 लाख का इनाम था, वह घाटी में ८ साल से सक्रिय था और मोस्ट वांटेड की लिस्ट में ए ++ कैटेगिरी में शामिल था। आतंकवादियों ने ऐलान कर दिया था कि दक्षिण कश्मीर के चार जिले पुलवामा, कुलगाम, अनंतनाग और शोपियां आजाद हैं।
कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में रोज नए चैप्टर जोड़ रहे थे। घरों में पैदा हो रहे आतंकवाद सुरक्षाबलों के लिए चुनौती बन गया था। विदेशी आतंकवादी पीछे रह गए थे , स्थानीय चेहरे घाटी के युवाओं को आतंकवाद की ओर खींचने में कामयाब हो रहे थे। रियाज नायकू बुरहान वानी गैंग के सफाए के बाद मोस्ट वांटेड हो चुका था। वानी के खात्मे के 8 महीने के भीतर ही नायकू रैंक में काफी ऊपर आ गया था।
जब बुरहान वानी आतंकवाद का पोस्टर ब्वॉय बन चुका था। हिजबुल का यह कमांडर अपने साथियों सब्जार भट, वसीम मल्ला, नसीर पंडित, इशफाक हमीद, तारिक पंडित, अफाकुल्लाह, आदिल खानदी, सद्दाम पेद्दार, वसीम शाह और अनीस के साथ आतंकवादी गतिबिधियों को लगातार अंजाम दे रहा था। इसी दौरान अजित डोभाल ने ऑपरेशन जैकबूट की नींव डाली।
रियाज नायकू हिज्बुल के लिए इस जगह के लिए सबसे सही चेहरा था, पढ़ा-लिखा रियाज इलाके में गणितज्ञ के तौर पर मशहूर था। वो एक चित्रकार था उसे गुलाब की तस्वीर बनाना पसंद था।
साल २०१८ से नायकू मोस्ट वांटेड लिस्ट में था, २०१८ में उसने एक वारदात को अंजाम दिया था, जिससे सुरक्षाबलों में हड़कंप मच गया था। इसी साल नायकू के पिता असदुल्लाह नायकू को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इसके कुछ ही घंटों के भीतर रियाज नायकू ने पुलिसवालों के १२ परिजनों को बंधक बना लिया था। बाद में पुलिस ने रियाज नायकू के पिता को रिहा कर दिया और इसके बाद पुलिसवालों के रिश्तेदारों को भी छोड़ दिया गया, रियाज नायकू कश्मीर में सबसे ज्यादा समय तक सक्रिय रहने वाला आतंकी था। वह हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए काम करता था।