तंबाकू, पान-मसाला और बीडी-सिगरेट की लत के शिकार लोगों के बारे में कहा जाता है कि चाहे किसी भी कीमत पर ये चीजें मिलें, लत के शिकार लोग लेकर खाने को आतुर रहते हैं। लॉकडाउन के दौर में बात सही साबित हो रही है। तंबाकू बादाम से भी महंगी मिल रही, सुपारी के दाम अखरोट-पिस्ता से कई गुना अधिक हैं। इनकी लत के शिकार लोग 10-20 गुना ज्यादा कीमत चुकाने के लिए घरों से बाहर निकलने का जोखिम भी उठा रहे हैं। कई लोग पुलिस की गिरफ्त में भी आए, लेकिन लत है कि फिर बाहर निकलने पर मजबूर कर देती है।
लॉकडाउन में लोग जितने भूख से परेशान नहीं, उससे ज्यादा तंबाकू न मिलने से बेचैन हैं। जैसे तैसे पुलिस-प्रशासन और समाजसेवियों से रोटी तो मिल जाती है, लेकिन तंबाकू नहीं मिल पाती, पान दुकान संचालकों के अनुसार 200 रुपये किलो मिलने वाली तंबाकू 1100 रुपये किलो मिल रही है। 20 रुपये किलो का चूना 300 रुपये किलो और 300 रुपये किलो की सुपारी 1500 रुपये किलो में भी नहीं मिल रही। 20 हजार रुपये में मिलने वाला गुटखे का कार्टन 60 हजार में बिक रहा है।