मुम्बई 30 अप्रैल. प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर का मुम्बई के एक अस्पताल में बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 67 वर्ष के थे।अभिनेताऋषि कपूर वर्ष 2018 से ल्यूकेमिया नामक बीमारी से जंग लड़ रहे थे। कपूर खानदान की तीसरी पीढ़ी के मशहूर कलाकार ऋषि कपूर के परिवार में पत्नी नीतू कपूर, बेटा रणबीर कपूर और बेटी रिद्धिमा कपूर हैं। तबीयत बिगड़ने पर बुधवार को उन्हें एच. एन. रिलायंस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इरफान खान के निधन के एक दिन बाद ही उनके निधन की खबर आई है। परिवार ने ऋषि के निधन के बाद कहा, ‘‘ दो साल तक ल्यूकेमिया से जंग लड़ने के बाद ऋषि आज सुबह इस दुनिया को अलविदा कह गए। दो साल तक इलाज के दौरान वह जीने के लिए दृढ़ और लगातार खुश रहे। उनका ध्यान हमेशा परिवार, दोस्त, भोजन और फिल्मों पर केन्द्रित रहा और इस दौरान जो भी उनसे मिला वह हैरान रहा कि कैसे इस बीमारी को उन्होंने खुद पर हावी नहीं होने दिया।’’अमेरिका में करीब एक साल तक कैंसर का इलाज कराने के बाद वह पिछले साल सितम्बर में भारत लौटे थे। फरवरी में भी तबीयत खराब होने की वजह से उन्हें दो बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पहली बार दिल्ली में एक पारिवारिक समारोह में हिस्सा लेने गए ऋषि को संक्रमण के कारण वहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद मुम्बई लौटने के बाद उन्हें बुखार होने के बाद अस्पताल मे भर्ती कराया गया। ऋषि ने अपने पिता राज कपूर की फिल्म ‘श्री 420’ से बतौर बाल कलाकर बड़े पर्दे पर अपनी फिल्मी पारी का आगाज किया था। इसके बाद वह फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में भी नजर आए।
बतौर मुख्य अभिनेता 1973 में आई ‘बॉबी’ उनकी पहली फिल्म थी, जो एक बड़ी हिट फिल्म थी।
करीब तीन दशक तक उन्होंने कई रोमांटिक फिल्में की। ‘लैला मजनू’, ‘रफू चक्कर’, ‘कर्ज’, ‘चांदनी’, ‘हिना’, ‘सागर’ जैसी कई फिल्मों में उनके अभिनय की काफी सराहना की गयी । अभिनेता के तौर पर अपनी दूसरी पारी को लेकर वह काफी संतुष्ट थे। इस दौरान वह अपनी पत्नी के साथ ‘दो दूनी चार’ में नजर आए। ‘अग्निपथ’, ‘कपूर एंड सन्स’, ‘102 नॉट आउट’ में अभिनय से उन्होंने एक बार फिर दिखा दिया कि बतौर कलाकार अभी वह सिनेमा जगत को और कितना योगदान दे सकते हैं।